करोड़पति बनने के बहुत से व्यापार है मगर इससे पहले करोड़पति बनने का आपके अंदर जुनून होना चाहिए।
जब तक आपके अंदर जुनून नहीं होगा तब तक आप करोड़पति नहीं बनेंगे । जब तक आपके अंदर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का ताकत नहीं होगी तब तक आप करोड़पति नहीं बनेंगे।
मैं आपके साथ एक व्यक्ति का प्रेरणादायक कहानी प्रस्तुत करता हूं।
एक व्यक्ति जिसके बारे में मैंने सुना है उसने अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कई उतार-चढ़ाव देखे। मगर अंत मैं वह करोड़पति बना।
उसका नाम सुमित मलिक था उसने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे उसने कई व्यापार किए। शुरू के व्यापार में असफलता मिली।
सुमित मलिक मध्यमवर्ग के परिवार से था उसके पिताजी जी बहुत शरीफ और मेहनती इंसान थे उसने अपने पिताजी से मेहनत और लगन के सारे गुण प्राप्त किए थे सुमित मलिक अपने आप में एक शक्तिशाली और मेहनती इंसान था
सबसे पहले उसने जो व्यापार शुरू किया। उसने किताबों का कार्य शुरू किया। दिल्ली के बाजारों में जा जाकर किताबें बेची। दरियागंज दिल्ली का पुरानी किताबों का बहुत बड़ा बाजार है वह वहां से किताबें खरीदता और दिल्ली के कनॉट प्लेस बाजार में बेचता। काफी समय तक उसने वह कार्य लगन से किया मगर उसका सपना करोड़पति बनने का था पुरानी किताबों के व्यापार में उचित लाभ नहीं मिल रहा था
तो उसने अपने दिमाग पर जोर डाला क्योंकि हमारा दिमाग विशालकाय समुंदर की तरह है इसमें अनगिनत आइडिया है जब हम दिमाग पर जोर डालते हैं तो उसमें से नए-नए आईडिया निकल कर आते हैं।
सुमित मलिक ने जो दूसरा व्यापार किया वह मोबाइल का व्यापार था मोबाइल काम में शुरुआत में उसको काफी सफलता मिली मगर ऑनलाइन सेलिंग के आने के बाद उसका कार्य धीरे-धीरे गिरता रहा ऑनलाइन में मोबाइल काफी सस्ते रेट पर कस्टमर को मिल जाते हैं। तो उसका यह व्यापार भी बंद हो गया
वह बड़ा परेशान अपने पिताजी के पास बैठा था पिताजी ने उसको हौसला दिया
घबराओ मत मेरे बेटा अपनी लगन से कार्य करते रहो एक दिन सफलता जरूर मिलेगी
सुमित मलिक बोला पिताजी जो भी व्यापार करता हूं उसमें नुकसान हो जाता है या वह चलता ही नहीं क्या करूं कुछ समझ में नहीं आता।
पिता ने बोला मेहनत करो सफलता जरूर मिलेगी।।।
फिर उसने गुजरात की तरफ रुक किया। गुजरात से साड़ियां का व्यापार किया भारतवर्ष के कई क्षेत्रों में जा जाकर गुजरात की साड़ियों का व्यापार किया मगर वहां पर भी उसको असफलता मिली।
मैं थक हार कर अपने पिताजी और अपनी माता जी से बोला माताजी मैं कुछ समय के लिए उत्तरांचल घूमना चाहता हूं उसकी माताजी उत्तरांचल की थी माता ने बोला जाओ बेटा। जाओ बेटा घुमाओ।।
तो उसने उत्तरांचल मैं बागेश्वर जाने का फैसला किया। जो कमा कुमाऊं उत्तरांचल में पड़ता है
उसने आनंद विहार बस अड्डे से बस पकड़ी और उत्तरांचल में बागेश्वर की तरफ चल दिया 24 घंटे का सफर तय करके जब वह बागेश्वर पहुंचा.
वहां पर उसने एक कमरा किराए पर लिया
और बड़े उदास मन से एक दिन वह नदी के किनारे बैठा हुआ था उस नदी का चित्र मैं प्रस्तुत कर रहा हूं ।
नदी के किनारे बैठे हुए पानी में हाथ मार रहा था अचानक उसकी नजर एक पत्थर में पड़ी। उसने देखा उस पत्थर पर एक आकृति बनी हुई है ऐसी आकृति जो उसने कभी सोची नहीं होगी।।
उस पर भगवान श्री गणेश की आकृति बनी हुई थी
ऐसे उसने कई पत्थर इकट्ठे किए तो उन पत्थर पर कुदरती कोई ना कोई आकृति बनी थी
उसने उन पत्थरों को फेसबुक पर ट्विटर में इंस्टाग्राम पर सेल के लिए डाला और उन पत्थरों अच्छी कीमत में बिक गए
ऐसे उसने कई और पत्थर इकट्ठे किए और उसके पत्थर दिनोंदिन बिकने लग गए और उसने करोड़पति बनने में कोई अधिक समय नहीं लगा उसके पत्थरों की मांग बढ़ने लगी देश विदेश से और भारतवर्ष के दूरदराज राज्यों से आर्डर आने लगे
और उसके बाद उसने हिमालय में पानी की कंपनी खोली और वहां का पानी भी बेचने लगा
सुमित मलिक की इस प्रेरणा से हर व्यक्ति को अपने जीवन में प्रेरणा लेनी चाहिए कि कभी हार नहीं माननी चाहिए
कब पता आपकी मेहनत सफल हो जाए अब कब आप करोड़पति बन जाओ
मेहनत और लगन से कार्य करते रहो कभी ना कभी सफलता जरूर मिलेगी
धन्यवाद
Source : Quora
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